छोटे शहर इस तरह आहिस्ता आहिस्ता महानगरों में तब्दील हो रहे है की लोगों को जमीं का एक टुकड़ा लेकर घर बनवाना अब अतीत का सपना होता जा रहा है। अपार्टमेंट में फ्लैट लेना तमाम लोगों की मज़बूरी बनती जा रही है। इसी स्थिति को उधेरती और सालती -कुछ शब्दों की कतरने _
पांव कमरे से निकाला तो मैं बाजार में था ,
है यह हसरत कि मेरे घर का भी आँगन होता
पांव कमरे से निकाला तो मैं बाजार में था ,
है यह हसरत कि मेरे घर का भी आँगन होता
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