हमें अपने जीवन में उत्साह की कमी नहीं होने देना चाहिए। यह उत्साह साधारण न होकर असाधारण यानि परमोत्साह के रूप में होना चाहिए। यह उत्साह आपके भीतर है। पानी में डूबते हुए आदमी को बाहर निकलने के लिए इतना अधिक परिश्रम करना पड़ता है वह परमोत्साह है। यदि आपके पीछे कोई शेर या और जंगली जानवर दौड़ पड़े तो आपके भागने की गति क्या होगी आप सोच नहीं सकते। मतलब यह शक्ति आपमे थी लेकिन उत्साह की कमी के कारण प्रगट नहीं हो रही थी.यदि यह उत्साह आपके जीवन में हमेशा बनी रहे तो आप सोच सकते है की आपको जीवन में कितनी बड़ी सफलता प्राप्त हो सकेगी.
9 टिप्पणियां:
sundar baat |
badiya
Welcome Happy New Year
bahut accha likha hai, adami ko swayam mein chipi shakti ko pahchanane ki avashyakata hai.
plz post ur comments on www.samaysandesh.blogspot.com
इस नए ब्लॉग के साथ नए वर्ष में हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. अच्छा लिखते हैं आप .. आपके और आपके परिवार वालों के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
उत्साह मस्तिष्क की स्थिति है जो परिस्थितियों के साथ बदलती रहती है.
हिंदी ब्लाग लेखन के लिये स्वागत और बधाई । अन्य ब्लागों को भी पढ़ें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देने का कष्ट करें
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